जीवन झील नहीं ...
Hindi Poems by Hari Chand and Ashok Kumar
Monday, August 5, 2013
कुछ पल
कुछ
पल
कुछ
पल
सिर्फ
कुछ
पल
अनायास
हमारी
पकड़
में
आ
जाते
हैं,
लेकिन
--
लम्बे
अतीत
के
निष्फल
प्रयासों
की
मृत
छायाएं
बीच
में
आ
जाती
हैं
और
वे
चन्द
पल
जो
हमारे
अपने
हो
सकते
थे
उन्हें
हम
छू
भी
नही
पाते।
-हरिचन्द
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